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उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव शहर के रक्तदाता सम्मान समारोह एवं युवा सम्मेलन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल यह कार्यक्रम विश्वधारम सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित

बिलासपुर – स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी प्रासंगिक – श्री अरूण साव

रक्तदाता सम्मान समारोह एवं युवा सम्मेलन में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री 600 रक्तदाताओं का किया सम्मान

उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव शहर के एक निजी होटल में रक्तदाता सम्मान समारोह एवं युवा सम्मेलन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। यह कार्यक्रम विश्वधारम सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित किया गया।
उपमुख्यमंत्री ने रक्तदान करने वाले 600 युवाओं का सम्मान किया। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद द्वारा दिया गया संदेश आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने युवाओं से आव्हवान किया कि स्वामी विवेकानंद के बताए मार्गाें पर चलकर सशक्त और विकसित भारत बनाएं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है। आपका योगदान किसी को जीवन देता है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, मस्तूरी के पूर्व विधायक श्री कृष्णमूर्ति बांधी, श्री रामदेव कुमावत मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वधारम सामाजिक संस्था के संरक्षक श्री दिलेंद्र कौशिल ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय युवाओं को मूल्यों पर आधारित शिक्षा देने के पक्षधर थे। लॉर्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति युवाओं को बाबू बनाने वाली है। स्वामी विवेकानंद द्वारा दी गयी शिक्षा पर पूरी दुनिया को भरोसा है। वे चाहते थे कि भारत के युवा आत्मकेन्द्रित न बनकर पूरे समाज और देश के उत्थान के लिए कार्य करें।
स्वामी जी की मंशा थी कि हमारा देश सिरमौर बने। उनका संदेश उठो, जागो और तब तक ना रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए, युवाओं को प्रेरणा देने वाला है। उनका मानना था कि हर व्यक्ति में ईश्वर निवास करते हैं। मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है। स्वामी विवेकानंद जी ने 11 सितंबर 1893 को भारतीय स्वाभिमान का पताका अमेरिका के शिकागों में फहराया था। इसी प्रकार 22 जनवरी 2024 को भारतीय स्वाभिमान का पताका फिर से फहरेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश विकास के नित नए सोपान तय कर रहा है। 21वीं सदी भारत की सदी है। दुनिया के सारे देश भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। स्वामी विवेकानंद जी की भी यही मंशा थी। उन्होंने कहा कि सशक्त भारत, आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वामी जी के विचारों को युवा अनुकरणीय बनाएं।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने रक्तदान करने वाले सभी युवाओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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